गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द

Back Pain during Pregnancy

  • गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द एक आम शिकायत है।
  • इसके कई कारण होते हैं, जिनमें से कुछ कारणों के लिए शरीर में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन जिम्मेदार होते हैं।
  • गर्भावस्था में होने वाले गंभीर पीठ दर्द को रोका जा सकता है।

गर्भावस्था में पीठ दर्द क्यों होता है?

गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द, विशेष रूप से प्रारंभिक अवस्था में, काफी आम बात है। चूंकि आपके शरीर में अस्थि-बंधनस्वाभाविक रूप से कोमल और खिंचे हुए हो जाते हैं, इसलिए आप आसानी से दर्द का शिकार हो जाती हैं। यह हल्के दर्द से लेकर, विशिष्ट गतिविधियों के कारण होने वाला दर्द, या आपकी दिनचर्या में हस्तक्षेप करने वाला तीव्र दर्द हो सकता है ।

गर्भवती महिलाओं में पीठ दर्द का क्या कारण है?

  • हार्मोन का प्रवाह
    गर्भावस्था के दौरान शरीर में निकलने वाले कुछ हार्मोन रीढ़ की हड्डी से जुड़ी पेल्विक हड्डियों के जोड़ों और अस्थि-बंधनों (लिगामेंट) को ढीला करके गर्भाशय को अपना आकार बढ़ाने में मदद करते हैं। ऐसी स्थिति में जोड़ शरीर को सहारा देने में उतने समर्थ नहीं रहते जितना कि वे आमतौर पर होते हैं जिससे गंभीर पीठ दर्द पैदा हो सकता है।
  • गुरुत्वाकर्षण बल
    जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, शरीर आगे की ओर खिंचने लगता है जिससे शरीर को संतुलित बनाए रखने के लिए उसकी मुद्रा में परिवर्तन होने लगता है। शारीरिक मुद्रा में इस बदलाव के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द पैदा हो सकता है।
  • वजन बढ़ना
    शिशु का अतिरिक्त वजन आपकी पीठ पर दबाव डाल सकता है।
  • तनाव का स्तर बढ़ना
    गर्भावस्था एक तनावपूर्ण अवधि होती है जिसमें शरीर के कमजोर क्षेत्रों पर दबाव पड़ता है और मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है। इससे शरीर में, खासकर पीठ में, दर्द हो सकता है।
  • श्रोणि क्षेत्र का ैलना
    गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजेनिक हार्मोन की सान्द्रता बढ़ जाती है जिससे श्रोणि क्षेत्र का प्रसार होता है। जैसे-जैसे इस गतिविधि की प्रगति होती है, यह पीठ के निचले हिस्से और जांघों में तेज दर्द पैदा कर सकती है, जिससे चलते समय दर्द हो सकता है।

गर्भावस्था में पीठ दर्द को कैसे रोकें और उसका उपचार कैसे करें?

  • जब आप बैठे हों तो अपनी मुद्रा पर ध्यान दें।
  • अपने शरीर को सक्रिय रखें। दिन भर कुर्सी पर बैठे रहने से आपकी रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है।
  • पीठ सीधी करके बैठें, बाहों को सहारा देकर रखें, और कठोर कुशन का उपयोग करें।
  • अपने पैरों को थोड़ा ऊपर उठाने के लिए फुटरेस्ट का प्रयोग करें और अपने पैरों को क्रॉस करके न रखें।
  • यदि आप अपने पैरों पर काम करते हैं, तो एक पैर को कम ऊँचाई के स्टूल पर रखें और अपनी पीठ के निचले हिस्से से कुछ दबाव हटा लें।
  • भारी भार उठाने से बचें। यदि आपको भारी भार उठाना ही है, तो व्यापक मुद्रा के साथ ऐसा करें; घुटनों के बल झुकें, और अपनी बाहों और पैरों पर जोर देकर भार उठाएं, न कि अपनी पीठ पर जोर देकर।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने शारीरिक वजन को नियंत्रित रखें।
  • सही जूते पहनें। विशेषज्ञ आपके शरीर को उचित संरेखण में रखने के लिए 2 इंच की एड़ी वाले जूते पहनने की सलाह देते हैं।
  • अच्छी बातें सोचिए। मन शांत रहने पर आपकी पीठ पर तनाव कम रहता है। अपने मन और शरीर को आराम देने के लिए प्रसवपूर्व करने योग्य कुछ योगाभ्यास उपयोग करके देखें ।
  • अपने पेट को मजबूत करें। अपने पेट की मांसपेशियों (एब्स) को मजबूत करने के लिए कूल्हों को आगे-पीछे और दाएं-बाएं घुमाने (पेल्विक टिल्ट) के सूक्ष्म व्यायाम करें, क्योंकि इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जो आपकी पीठ को सहारा देती हैं।
  • 15 मिनट के अंतराल में ठंडी सिकाई (कोल्ड कंप्रेस), फिर गर्म सिकाई (वार्म कंप्रेस) का उपयोग करके गले की मांसपेशियों को आराम दें।
  • गर्म स्नान करें या अपनी पीठ की मालिश करने के लिए शॉवरहेड को रूक रूक कर चलने वाली स्पंदनशील (पल्सेटिंग) सेटिंग में रखें।
  • एक मालिश करनेवाली से मालिश प्राप्त करें जिसे यह पता हो कि आप गर्भवती हैं और वह प्रसवपूर्व की जाने वाली मालिश की कला में प्रशिक्षित हो।

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