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कंधे की अकड़न बहुत खतरनाक हो सकती है I इसमें कभी- कभी एसा होता है कि आप सामान्य हैं आपको कोई परेशानी नहीं है और दूसरे ही दिन आपको असहनीय दर्द हो सकता है, कंधे में थोड़ी अकड़न होगी और धीरे-धीरे यह अकड़न इतनी अधिक हो जाएगी कि आप कन्धा हिला भी नहीं सकेंगे I
2.4 प्रति 1000 व्यक्ति हर साल कंधे की अकड़न के शिकार होते हैं I पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं में अधिक होता है और अधिकांशतः अधेड़ उम्र के लोगों में यह आम परेशानी है I दैनिक कामों को करने के समय बहुत परेशानी होती है और तब तो हद ही हो जाती है जब यह किसी भी व्यक्ति को 3 वर्ष तक सताए I अधिकतर देखा गया है की जैसे यह परेशानी अपने आप आती है और अपने आप ही समय के साथ ख़त्म भी हो जाती है I लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हमेशा की समस्या भी बन जाती है I
कंधे की अकड़न के कारण समझ से परे हैं लेकिन विद्वानों की मानें तो कंधे के बीजकोश (केप्सूल) में जलन के कारण ही यह समस्या होती है और इसलिए इसे ‘केप्सूलिटिस’ कहते हैं यानि कंधे के बीजकोश की जलन I इसे याद रखने का आसान तरीका यह है कि जब भी किसी शब्द में ‘ इटिस ’ लगा हो तो उसका मतलब जलन होता है I
अस्थिचिकित्सकों की मानें तो मांसपेशियों में चोट लगना, उनका विस्थापन या कंधे के बीजकोश से तरल का बाहर आ जाना ही कंधे की अकड़न का कारण है I जिसके प्रतिरोध में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कार्य करती है और इसके फलस्वरूप हमें कंधे में बहुत ज्यादा जलन होती है I
पीटर मिशेल एक भौतिक चिकित्सक हैं उनके अनुसार अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र दर्द और किसी भी अंग के असामान्य रूप से काम करने के लिए उत्तरदायी होता है अतः कंधे की अकड़न का कारण भी इससे ही सम्बंधित होता है I
तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर के अधिकांश कार्यों को नियंत्रित करता है अतः कंधे की अकड़न के कारण को तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित मानना तार्किक है I जब भी कोई आतंरिक चोट लगाती है हमारा अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र उसके विपरीत क्रियाये करके हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है I
कुछ प्रकरणों में जोड़ों के बीजकोशों के शिथिलन की समस्या में शल्यचिकित्सा कारगर होती है किन्तु अन्य समस्याओं में नहीं अतः यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है I कुछ अन्य सामान्य किन्तु प्रभावशाली तरीकों से दर्द से राहत, कंधे की गति में सुधार के साथ ही आपके स्वस्थ होने की प्रक्रिया को तीव्र किया जा सकता है I
आइये कंधे की अकड़न को ठीक करने की कुछ सरल विधियों को जानते हैं I
यदि आपको कंधे में अकड़न हो गई है तो आप अपना हाथ अधिक ऊपर की ओर नहीं उठा पाएंगे यह पंख की तरह ही आपके शरीर से सटा रहेगा I अतः जोड़ों और मांसपेशियों को गतिवान बनाने के लिए धीरे-धीरे तनन व्यायाम करना चाहिए I
बहुत ज्यादा व्यायाम भी न करें अन्यथा दर्द और जलन बढ़ सकते हैं I ऐसा थोड़े समय के लिए भी हो सकता है लेकिन इससे आपको बेचैनी हो सकती है I
कंधे की जकड़न को प्रभावशाली तौर पर कैसे ठीक करें I
कंधे की जकड़न से राहत पाने के कई सारे ऐसे उपचार हैं जो बिना किसी मशीन के हांथों द्वारा ही किये जा सकते हैं इनमें से एक तरीका है मालिश जो किसी प्रभावशाली आयुर्वेदिक क्रीम जैसे मूव से की जाती है अन्य विधियों में ड्राई नीडलिंग (सुईयों द्वारा), एक्यूपंक्चर और पेशीगतिविज्ञान मुख्य हैं I यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि किसी भी पद्धति में बलपूर्वक उपचार नहीं किया जाये अन्यथा ऊतकों को आघात पहुँच सकता है I
कंधे की जकड़न के कारण अन्य जोड़ों एवं पेशियों में हुई समस्याओं को भी इन स्वतः किये जाने वाले उपचारों से ठीक किया जा सकता है I
यधपि इन उपचारों से लाभ तो होता है किन्तु अधिक समय तक इनको करने से अन्य शारीरिक दुखाव की समस्याएं हो सकती हैं I
कोचराने डेटाबेस सिस्टेमेटिक रिव्यु में प्रकाशित एक अध्यन के अनुसार सूक्ष्म विद्युत तरंगों द्वारा की जाने वाली चिकित्सा हमारे शरीर की प्राकृतिक जलन प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाती है और निश्चित विद्युत तरंगों को प्रभावित अंग तक पहुंचाकर हमें जल्दी ठीक कर देती है I
इसके अलावा अन्य शोधों में यह पाया गया है कि एमपीएस चिकित्सा पद्धति जैसे डॉल्फिन न्यूरोटिज्म, प्रत्यक्ष रूप से परानुकम्पी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और व्यक्ति को आराम पहुंचाकर जल्दी ही अकड़न से राहत प्रदान करती है किन्तु यह अन्य चिकित्साओं द्वारा संभव नहीं है I अतः कंधे की जकड़न को जल्दी ठीक करने के लिए हमें अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र की बजाय परानुकम्पी तंत्रिका तंत्र को शीघ्र सक्रिय